दीर्घ अवधि वाली बीमारियों से ग्रसित बीमाकृत व्यक्तियों को 91 दिनों की बीमारी हितलाभ समाप्ति हो जाने के कारण बहुत कष्ट हो रहा था । अक्सर उन्हें ड्यूटी हेतु ठीक नहीं होने के बावजूद अंतिम प्रमाण पत्र लेना पड़ता था । अतः विस्तारित बीमारी हितलाभ के 3 वर्षों की अवधि में 2 वर्ष की विस्तारित अवधि (विस्तारित बीमारी हितलाभ) तक औसत दैनिक मजदूरी के 80% की दर से बीमारी हितलाभ के भुगतान का प्रावधान किया गया ।
1. दीर्घ अवधि की बीमारियों से ग्रसित बीमाकृत व्यक्ति विस्तारित बीमारी हितलाभ के लिए केवल तभी हकदार है जब उसका बीमारी हितलाभ, जिसका वह पात्र है, समाप्त हो गया हो । इन दीर्घावधि बीमारियों, जिसके लिए विस्तारित बीमारी हितलाभ देय है, की सामान्य सूची की समीक्षा निगम द्वारा समय-समय पर की जाती है । अंतिम बार सूची की समीक्षा 05.12.99 को की गई थी एवं विस्तारित बीमारी हितलाभ के संशोधित उपबंध 01.01.2000 से प्रभावी हुए तथा वर्तमान में इस सूची में 34 बीमारियां शामिल हैं जो बीमारियों के अंतरराष्ट्रीय वर्गीकरण के अनुसार 11 श्रेणियों में वर्गीकृत हैं जहां मौजूदा अनेक बीमारियों के नाम इस प्रकार परिवर्तित किए गए हैं:-
I संक्रामक बीमारियाँ
- क्षयरोग (टी.बी.)
- कुष्ठ
- जीर्ण अंतः पूयता (क्राॅनिक एम्पाइमा)
- एड्स
II नियोप्लाज़्म्स
- दुर्दम बीमारियाँ (मेलिथनैंट डिजिसेस)
III अंतः स्रावी, पोषण एवं उपाचय संबंधी रोग /विकार
- मधुमेह प्रफली दृष्टिपटल विकृति/मधुमेह रोगी पैर/वृक्क संबंधी रोग
IV तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) संबंधी विकारँ
- कांगघात (मोनोप्लेज़िया)
- अद्र्धांग पक्षाघात (हेमीप्लेजिया)
- अधरांत्रघात (पैराप्लीजिया)
- आंशिक पक्षाघात (हेमीपॅरेसिस)
- अंतः कपालिक स्थान की विक्षति (इंट्राक्रेनियल स्पेश आकुपाइंज लीजन)
- सुषुम रज्जु सम्पीडन (स्पाइनल काॅड कम्प्रैसन)
- पार्किन्सनता (पार्किन्सन्स डिज़ीज)
- गंभीर पेशीदुर्बलता (मायस्थीनिया ग्रेविस)
V आँख की बीमारी
- 6/60 या कम दृष्टि के साथ अपरिपक्व मोतियाबिंद
- दृष्टिपटल का वियोजन
- अधिमन्थ (ग्लोकोमा)
VI हृदय एवं रक्त वाहिनी व्यवस्था से संबंधित बीमारियाँ
- हृद्धमनी से संबंधित बीमारी :- (a) असंतुलित एन्जाइना
(b) 45% से कम इजैक्शन के साथ हृदयपेक्षीय व्यतिक्रम
- रक्ताधिका संबंधी हृदयपात-बायां, दायां
- घात/जटिलता के साथ हृदय कपाटिकी संबंधी बीमारियां
- हृदयपेशी संबंधी रोग
- जटिलतायुक्त शल्य हस्तक्षेप के साथ हृदय रोग
VII Chest Diseases
- श्वास नलिका विस्कार (ब्रोन्कियक्टेसिस)
- अन्तररालीय फुफ्फुस रोग
- रक्ताधिक्य हृदपात (कोर पल्मोनेल) के साथ जीर्ण अवरोधी फुफ्फुस रोग (सी.ओ.पी.डी.)
VIII पाचन तंत्र के रोग
- रक्ताधिक्य हृदपात (कोर पल्मोनेल) के साथ जीर्ण अवरोधी फुफ्फुस रोग (सी.ओ.पी.डी.)
हड्डी के रोग
- जलोदर/जीर्ण सक्रिय हेपाटाइटिस सहित यकृत का कठोर हो जाना
- कशेरूका का विस्थापन/आंतरिक कशेरूका डिस्क का विस्थापन
- अस्थिभंग का नहीं जुड़ना या विलंब से जुड़ना
- निचले बाहुअपन का अभिघातज पश्चात शल्य अंगोच्छेदन
X मनोविक्षप्ति
- स्पष्टीकरण हेतु इस शीर्ष के अधीन उप समूह की सूची इस प्रकार है:- (क) विखण्डित मनस्कता
(ख) अन्तर्जात मानसिक अवसाद
(ग) सनकी मानसिक अवसादी मनोविक्षिप्ति
(घ) मनोभ्रंश
XI अन्य
- संक्रमण/जटिलता सहित 20% से अधिक जलना
- रक्ताधिक्य वृक्क पात
- रेनोड के रोग/बर्गर के रोग
- उपर्युक्त सूची के अलावा आर.डी.एम.सी./ए.एम.ओ. या चिकित्सा योजना चलाने वाले प्राधिकृत अधिकारियों की सिफारिश पर विरल परंतु चिकित्सा योग्य बीमारियों या विशेष परिस्थितियों जैसे दवाइयों की विपरीत प्रतिक्रिया आदि जो उपर्युक्त सूची में शामिल नहीं की गई है, संबंधी मामलों पर महानिदेशक/चिकित्सा आयुक्त अधिकतम 730 दिनों की अवधि के लिए विस्तारित बीमारी हितलाभ की स्वीकृति हेतु प्राधिकृत हैं ।
- विस्तारित बीमारी हितलाभ के लिए हकदार होने हेतु बीमाकृत व्यक्ति को बीमारी की अवधि जिसमें रोग का निदान हुआ है, के आरंभ पर 2 वर्षों या अधिक से लगातार रोजगार में होना चाहिए एवं अन्य अंशदायी शर्तों को पूर्ण करना चाहिए ।
- विस्तारित बीमारी हितलाभ प्रारंभ में 124 दिनों की अवधि के लिए देय होगा एवं विशेषज्ञ कीे रिपोर्ट पर क्षेत्रीय उप चिकित्सा आयुक्त/चिकित्सा रेफरी/प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी/राज्यों के क.रा.बी. योजना के मुख्य कार्यपालक या उनके नामिती द्वारा चिरकालिक उपयुक्त मामलों में 309 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है ।